वैश्विक स्तर पर सिगरेट को तैयार करने के लिए 60 करोड़ से अधिक पेड़ काटे जाते हैं और 22 बिलियन ( 2200 करोड़) लीटर से अधिक मात्रा में पानी खर्च होता है। इसके अलावा केवल उत्पादों के निर्माण में ही 8.40 करोड़ टन की मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। पेड़ों की कटाई, पानी और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन, तीनों पर्यावरण के लिए चुनौतियां पैदा कर रहे हैं। इन आंकड़ों के आधार कहा जा सकता है कि तम्बाकू उगाना, उत्पादों का निर्माण और उपयोग करना हमारे पानी, मिट्टी, समुद्र तटों और वायुमंडल में जहर घोल रहा है।
प्रत्येक सिगरेट से करीब 1.39 ग्राम मानव निर्मित ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है। अगर आप एक दिन में 10 सिगरेट पीते हैं तो आप पर्यावरण में सालाना 11 पाउंड कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ रहे हैं। अगर हम सिगरेट छोड़ने का प्रण ले लें तो सोचिए पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारा कितना कीमती योगदान हो सकता है। 10 वर्षों तक प्रदूषण वाले इलाकों में रहने से फेफड़ों के जितना नुकसान होता है, उतना ही नुकसान 30 साल तक रोजाना सिगरेट पीने से होता है।